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  • गुलकंद - पार्ट 1

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  • रिश्तो की कश्मकश - 1

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  • साँसत में काँटे - भाग 1

    भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव उसकी आँखों में भर आए आँसू उसके गालों पर गिरने ही वाले थ...

सेकेण्ड वाइफ़ By Pradeep Shrivastava

नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...

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मिशन सिफर By Ramakant Sharma

विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के सभी धर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्...

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त्रीलोक - एक अद्भुत कहानी By Sanaya

( उपन्यास )1. एक बहुत बढ़ा बंगला था बिलकुल एक आलीशान हवेली की तरह। उस बंगलाके आगे बड़े बड़े पोस्टर लगेहुवे थे। वो पोस्टर लड़कीकी थी जो की एक हीरोइन की है। उस पोस्टरके ठीक नीचेकी तरफ...

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कर्मवीर By vinayak sharma

आज की सुबह महावीर सिंह के लिए सबकुछ बदलने वाली सुबह थी। सबकुछ पहले जैसा ही था। सूरज भी पूरब से ही निकला था, मुर्गे ने भी बांग दिया था। चिड़िया भी उसी तरह चाह्चाती हुई अपने घोंसलों स...

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Devil I Hate You By aruhi

यह कहानी है जानवी की ,,,,,,जो बहुत ही प्यारी है,,,और अपने घरवालों की लाडली है,,,,,,और साथ में बहुत जिद्दी भी।,,,,,,जो काम एक बार थान ले,,,,,,वो कर के ही रहती है।,,,,,,वो कर बैठी है...

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मेरी कविता संग्रह By Prahlad Pk Verma

?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म भी भरेंगेअब हम भी इश्क...

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चैट बॉक्स... By Anju Choudhary Anu

आज फिर से स्वाति को नींद नहीं आ रही थी, वो बैचेनी से अपने बिस्तर पर करवटे बदलते बदलते थक गई तो, अपने बेड की साइड की लाइट को ऑन कर दी और उठ कर पानी का गिलास एक ही घूँट में खत्म कर द...

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फ़लक तक चल... साथ मेरे ! By Nidhi Agrawal

पर्दों के बीच की झिरी से सूरज की किरणें वनिता के चेहरे पर ऐसे पड़ रही थी जैसे किसी मंच पर प्रमुख किरदार के चेहरे पर स्पॉटलाइट डालकर उसके चेहरे के भावों को उभारा जाए । रूखे बिखरे का...

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हूफ प्रिंट By Ashish Kumar Trivedi

माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फ...

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प्रेम - मेरे प्यार की शुरूआत By alaywritss

मेरे प्यार की शुरूआत कुछ इस तरह हुई की में कक्षा 10 के बाद मेरी स्कूल बदल गई और कक्षा 11 में मुझे एक लड़की पसंद आती हैं। वो बहुत ही सुंदर थी , उसकी सुंदरता कहूं तो यूं थी की वो एकद...

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स्वाभिमानी By Ivan Turgenev

बुढ़ापा आ गया है, बीमार भी हूं और अब मेरे विचार अक्‍सर मृत्‍यु की ओर ही जाया करते हैं जो दिन-ब-दिन मेरे पास आ रही है। कदाचित् ही मैं भूतकाल के संबंध में सोचता हूं और शायद ही कभी मै...

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इश्क तो होना ही था By Manshi K

डिस्क्लेमर : यह मेरी रचना पूर्ण रूप से काल्पनिक है । इसमें सभी किरदार भी काल्पनिक है । इसका सम्बन्ध किसी व्यक्ति , स्थान , जाती , धर्म से संबंधित नहीं है
अगर आपको लगता है की संबंध...

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देखना फिर मिलेंगे By Sushma Tiwari

पिछले स्टॉप से बस छूटी तो सर पर चढ़ी धूप ठंडी हो चली थी। खिड़की से अब ठंडी हवा आने लगी थी। दिन भर की गर्मी और उमस ने दिमाग में शार्ट सर्किट किया हुआ था। छुट्टन उर्फ छज्जन लाल कभी म...

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कुकड़ुकू By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से होती है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और दूसरा है संजय कु...

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समय का दौर By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन - समय का दौर वेदराम प्रजापति मनमस्त सम्पर्क सूत्र. गायत्री शक्ति...

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एक देह एक आत्मा By sangeeta sethi

मेरे द्वारा लिखी गयी कहानी फेसबुक मेरे कथा-संग्रह एक देह एक आत्मा से ली गयी है । फेसबुक की वर्चुअल दुनिया वास्तविक में किस तरह से मार्मिक हो जाती है यह इस कहानी में बताया गया है...

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मम्मटिया By Dharm

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चलती चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो वि...

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बोलता आईना By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

(काव्य संकलन) समर्पण - जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने - समझने की कोशिश की, उन्हीं के कर कमलों में-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867...

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हाशिया गवाह By Bhagwan Atlani

हाशिया गवाह

कन्हैयालाल जी के इर्दगिर्द घुमती एक कहानी
प्रथम प्रकरण,आपको आगे पढने के लिए मजबूर करेगा

पढ़िए रोचक कहानी - हाशिया गवाह

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फैसला By Divya Shukla

फैसला (1) शाम की ट्रेन थी बेटे की अभी सत्ररह साल का ही तो है राघव पहली बार अकेले सफर कर रहा है उसे अकेले भेजते हुए मेरा कलेजा कांपा तो बहुत फिर भी खुद को समझा के उसे ट्रेन में...

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खाली हाथ By Ratna Pandey

सूरज और नताशा का इकलौता बेटा अरुण विवाह के दस वर्ष के पश्चात नताशा के गर्भ में आया था। इसके लिए उन्होंने मंदिर-मंदिर जाकर भगवान के आगे माथा टेका था, ना जाने कितनी मानता रखी थीं। तब...

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सियाह हाशिए By BALRAM AGARWAL

‘सियाह हाशिये’ पाकिस्तान में बस जाने के बाद मंटो की तीसरी किताब थी जो ‘मकतबा-ए-जदीद’ से प्रकाशित हुई। सन् 1951 तक यह उनकी सातवीं किताब थी। वीभत्सता, उलझन, बेज़ारी, नफ़रत, दुख और क्...

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टोरंटो (कनाडा) यात्रा संस्मरण By Manoj kumar shukla

हमने अपने जीवन काल में भारत के अनेक शहरों एवं पर्यटन स्थलों का भ्रमण ट्रेन व बस माध्यम से किया। पर विदेश यात्रा जाने का यह पहला अवसर था वह भी हवाई जहाज से। हमारी यह उड़ान हवाई जहाज...

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अंजामे मुहाब्बत By Sarah

ठंडी हवा के झोंके पेड़ो को झूमने पर मजबूर कर रहे थे।शाम का धुंदलका छा रहा था। हर चीज सुर्खी लिए हुए महसूस हो रही थी।सूरज नीले आसमान पर अपनी मंजिल तय करता हुआ चारों तरफ सुर्खी बिखेर...

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लिविंग विथ डाय By Makvana Bhavek

आज साकुरा नाम कि एक हाईस्कूल स्टूडेन्ट का फिनरल होता है जहा उसके सारे दोस्त आये होते है लेकिन उसीका एक क्लासमेट हारुकि वहा नहि गया होता वो अपने रूम में उसने किया अपना आखरी मैसेज दे...

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हर्ज़ाना By Anjali Deshpande

हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (1) घंटी बजी, नौकर ने दरवाज़ा खोला और वापस आकर कहा, “चार लोग हैं साब.” उनके चेहरे की हर झुर्री प्रफुल्लित हो उभर आई. वे इतनी तत्परता से उठे कि रीढ़ ने प्रतिवाद...

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इंतजार दूसरा By Kishanlal Sharma

दामोदर गर्दन झुकाये हुए मन ही मन मे कुछ सोचता हुआ चला जा रहा था।तभी उसे हंसने की आवाज सुनाई पड़ी।खनखनाती हंसी सुनकर उसे ऐसा लगा, मानो किसी ने सुराई नुमा गर्दन से सारी की सारी शराब ए...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) By DILIP UTTAM

"अर्धांगिनी"----- कहने को अर्धांगिनी कहा जाता है परंतु आधा हिस्सा दिया किसने, आधा हक दिया किसने, और आधा अधिकार/मान-सम्मान दिया किसने, आधा तो क्या उसे हर मोड़ पर छला जाता...

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दो दिलों की कहानी प्यार By Ishani Morya

To कहानी की शुरू होने से पहले मैं आप सबको कहानी के बारे में छोटा सा ट्रेलर or charter ka intro देना चाहूंगी कि is कहानी ki किस तरह से मेरे द्वारा शुरुआत होती है तथा किस तरह से यह आ...

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कजरी By anushka swami

श्यामाप्रसाद ने क्या जवाब दिया आपका ? ' जानकी देवी ने अपने पति रघुनाथ से पूछा ।
'तुम जानती हो जवाब क्या आएगा ,मेरी मानो तो उम्मीद छोड़ दो '। रघुनाथ् ने अपने घर के सामने...

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लबसना वाला प्यार By Manisha Agarwal

अंशिका के घर का सीन इतनी चिंता क्यों कर रही हो जो भी होगा अच्छा ही होगा मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम्हारा बेस्ट रिजल्ट आएगा। मां लगातार बोले जा रही है, पर अंशिका की नजर अपने लैपटॉप...

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रुड डॉक्टर की स्वीट वाइफ By DEEPAK KUMAR

बहुत बड़ी बिल्डिंग जिसके बाहर बहुत बड़ा बड़ा खुराना हॉस्पिटल लिखा हुआ था। हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर के बाहर कुछ आदमी आपस में बात कर रहे थे ,"तुम टेंशन मत लो जे डॉक्टर इंडिया के...

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लौट आओ अमारा By शिखा श्रीवास्तव

यूँ तो अभी कृष्ण-पक्ष की समाप्ति में दो दिन बचे हुए थे और चंद्रमा अपनी बहुत ही हल्की छाया में तारों के साथ धीमी-धीमी रोशनी फैलाते हुए आसमान में चहलकदमी कर रहा था लेकिन फिर भी अपने...

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बारह पन्ने - अतीत की शृंखला से By Mamta

बारह पन्ने अतीत की शृंखला के बचपन इंसान की ज़िंदगी का सबसे सुनहरा दौर जिसे शायद अंतिम साँस तक नही भुलाया जा सकता ।जीवन का सबसे स्वर्णिम काल ,चिंतारहित खेलना खाना ,बेपरवाह सी ज...

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बड़े बाबू का प्यार By Swapnil Srivastava Ishhoo

भाग 1/16: हैप्पी बर्थ डे वन्स अगेन..... “बड़े-बाबू.....ओ बड़े-बाबू.....दरवाज़ा खोलिए, कब से घंटी बजा रहे हैं”, मंदार दरवाज़ा पीटते हुए बोला|थोड़ी देर में दरवाज़ा खुला और दिवाकर झांकते हु...

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अलौकिक प्रेम कथायें By सोनू समाधिया रसिक

घनसोर के शांत गांव में, जहां रातें प्राचीन बरगद के पेड़ों की तरह शांत होती थीं, एक पुरानी हवेली थी जो अतीत के रहस्यों को फुसफुसाती थी। गांव वाले वहां जाने से इसलिए कतराते थे क्योंक...

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कैक्टस के जंगल By Sureshbabu Mishra

श्री सुरेश बाबू मिश्रा हिन्दी कथा साहित्य का जाना-पहचाना नाम है। आपकी अनेक रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रहती हैं। आपका नया कहानी संग्रह ‘कैक्टस के जंगल’ न...

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निरुत्तर By Ratna Pandey

वंदना एक बहुत ही कुशल प्रेरक वक्ता थी। वह अपने प्रेरणात्मक भाषणों से समाज को एक नई दिशा देने की जवाबदारी लेना उसका कर्तव्य समझती थी। लोगों को उसकी कही बातें बहुत अच्छी लगती थीं। ले...

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तलाश... एक औरत के अस्तित्व की By RICHA AGARWAL

आज फिर, खिड़की पर बैठी, रिमझिम बारिश में खेलते बच्चों को निहारती, सुहानी कुछ सोचने लग पड़ी थी । वक़्त गुज़रते देर कहाँ लगती है ?? उसकी शादी को आज पूरे 27 साल हो चुके थे,पर लगता है जैसे...

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अनसुनी यात्राओं की नायिकाएं By Pradeep Shrivastava

ढेरों रंग-गुलाल से भरी होली एकदम सामने अठखेलियां करने लगी थी. फाल्गुन में फगुनहट जोर-शोर से बह रही थी. पेशे से तेज़-तर्रार वकील, मेरे एक पारिवारिक मित्र 'दरभंगा' से वापस &#3...

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बहादुर बेटी By Anand Vishvas

जिसने पुस्तक अौर पैन को घर-घर पहुँचाकर, घाटी के विकास की नई गाथा लिख दी...

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गुमनाम राजा By Harshit Ranjan

हमारे देश आदि काल से अपनी कला-कृति, ज्ञान, औषधियों, योद्धाओं आदि के लिए संपूर्ण विश्य मे प्रसिद्ध रहा है । इन सभी के साथ-साथ एक और चीज़ है जिसके लिए हमारा देश संपूर्ण विश्व मे ं जा...

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प्रेम विवाह By Rajesh Rajesh

जिस रेलवे जंक्शन पर मधु अपनी मां और छोटे भाई के साथ अपने गांव के लिए रेल पकड़ने आती है, उस रेलवे जंक्शन पर हमेशा सन्नाटा छाया रहता था उस छोटे रेलवे जंक्शन पर यात्री नाम मात्र के लि...

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जीवन @ शटडाऊन By Neelam Kulshreshtha

[ कोरोनाकाल को याद तो कोई नहीं करना चाहता लेकिन ये उस समय की बिलकुल अलग कहानी है कि लोग किस तरह नाटकीय स्थितियों में फंस गये थे। पढ़िए पहले लॉकडाउन के आरम्भ के एक माह बाद की हमारी ट...

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बॉडीगार्ड By MR. JAYANT

यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...

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मेरी मोहब्बत कौन...? By Swati Kumari

सुबह के 9:30 या 10 का समय हो रहा था बस कुछ देर पहले ही कॉलेज की गेट खुली ही थी हेमंत और हिमाशु किसी बात को लेकर बहस करते हुए कॉलेज के अंदर प्रवेश करते हैं । इन दोनों के बीच ऐसी लड़ा...

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मंजिल अपनी अपनी By Awantika Palewale

मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा।
चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा।

मोहन बोला मैं चाचा मोहन आया हूं।
चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड...

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मासूम गंगा के सवाल By Sheel Kaushik

मासूम गंगा के सवाल (लघुकविता-संग्रह) शील कौशिक (1) समर्पण उन सभी प्रकृति प्रेमियों, पर्यावरण विद्वानों को जो प्रकृति को महसूसते हैं... जानते-समझते हैं और उसके प्रति कृतज्ञ हैं...

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महत्वाकांक्षा By Shashi Ranjan

साक्षात्कार के बाद कोलकाता से खुशी खुशी मैं वापस लौट रहा था । राजधानी एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी के जिस केबिन में मैं चढा, उसमें पहले से एक और आदमी मौजूद था । जल्दी ही पता चला कि वह...

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उजाले की ओर By Jaishree Roy

उजाले की ओर जयश्री रॉय (1) दोपहर का धूल भरा आकाश इस समय पीला दिख रहा है। सूरज एकदम माथे पर- एक फैलता-सिकुड़ता हुआ बड़ा-सा सफेद धब्बा! हवा अब रह-रह कर आंच देने लगी है! रूना चेहरे पर द...

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सेकेण्ड वाइफ़ By Pradeep Shrivastava

नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...

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मिशन सिफर By Ramakant Sharma

विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के सभी धर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्...

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त्रीलोक - एक अद्भुत कहानी By Sanaya

( उपन्यास )1. एक बहुत बढ़ा बंगला था बिलकुल एक आलीशान हवेली की तरह। उस बंगलाके आगे बड़े बड़े पोस्टर लगेहुवे थे। वो पोस्टर लड़कीकी थी जो की एक हीरोइन की है। उस पोस्टरके ठीक नीचेकी तरफ...

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कर्मवीर By vinayak sharma

आज की सुबह महावीर सिंह के लिए सबकुछ बदलने वाली सुबह थी। सबकुछ पहले जैसा ही था। सूरज भी पूरब से ही निकला था, मुर्गे ने भी बांग दिया था। चिड़िया भी उसी तरह चाह्चाती हुई अपने घोंसलों स...

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Devil I Hate You By aruhi

यह कहानी है जानवी की ,,,,,,जो बहुत ही प्यारी है,,,और अपने घरवालों की लाडली है,,,,,,और साथ में बहुत जिद्दी भी।,,,,,,जो काम एक बार थान ले,,,,,,वो कर के ही रहती है।,,,,,,वो कर बैठी है...

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मेरी कविता संग्रह By Prahlad Pk Verma

?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म भी भरेंगेअब हम भी इश्क...

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चैट बॉक्स... By Anju Choudhary Anu

आज फिर से स्वाति को नींद नहीं आ रही थी, वो बैचेनी से अपने बिस्तर पर करवटे बदलते बदलते थक गई तो, अपने बेड की साइड की लाइट को ऑन कर दी और उठ कर पानी का गिलास एक ही घूँट में खत्म कर द...

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फ़लक तक चल... साथ मेरे ! By Nidhi Agrawal

पर्दों के बीच की झिरी से सूरज की किरणें वनिता के चेहरे पर ऐसे पड़ रही थी जैसे किसी मंच पर प्रमुख किरदार के चेहरे पर स्पॉटलाइट डालकर उसके चेहरे के भावों को उभारा जाए । रूखे बिखरे का...

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हूफ प्रिंट By Ashish Kumar Trivedi

माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फ...

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प्रेम - मेरे प्यार की शुरूआत By alaywritss

मेरे प्यार की शुरूआत कुछ इस तरह हुई की में कक्षा 10 के बाद मेरी स्कूल बदल गई और कक्षा 11 में मुझे एक लड़की पसंद आती हैं। वो बहुत ही सुंदर थी , उसकी सुंदरता कहूं तो यूं थी की वो एकद...

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स्वाभिमानी By Ivan Turgenev

बुढ़ापा आ गया है, बीमार भी हूं और अब मेरे विचार अक्‍सर मृत्‍यु की ओर ही जाया करते हैं जो दिन-ब-दिन मेरे पास आ रही है। कदाचित् ही मैं भूतकाल के संबंध में सोचता हूं और शायद ही कभी मै...

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इश्क तो होना ही था By Manshi K

डिस्क्लेमर : यह मेरी रचना पूर्ण रूप से काल्पनिक है । इसमें सभी किरदार भी काल्पनिक है । इसका सम्बन्ध किसी व्यक्ति , स्थान , जाती , धर्म से संबंधित नहीं है
अगर आपको लगता है की संबंध...

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देखना फिर मिलेंगे By Sushma Tiwari

पिछले स्टॉप से बस छूटी तो सर पर चढ़ी धूप ठंडी हो चली थी। खिड़की से अब ठंडी हवा आने लगी थी। दिन भर की गर्मी और उमस ने दिमाग में शार्ट सर्किट किया हुआ था। छुट्टन उर्फ छज्जन लाल कभी म...

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कुकड़ुकू By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से होती है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और दूसरा है संजय कु...

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समय का दौर By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन - समय का दौर वेदराम प्रजापति मनमस्त सम्पर्क सूत्र. गायत्री शक्ति...

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एक देह एक आत्मा By sangeeta sethi

मेरे द्वारा लिखी गयी कहानी फेसबुक मेरे कथा-संग्रह एक देह एक आत्मा से ली गयी है । फेसबुक की वर्चुअल दुनिया वास्तविक में किस तरह से मार्मिक हो जाती है यह इस कहानी में बताया गया है...

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मम्मटिया By Dharm

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चलती चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो वि...

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बोलता आईना By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

(काव्य संकलन) समर्पण - जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने - समझने की कोशिश की, उन्हीं के कर कमलों में-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867...

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हाशिया गवाह By Bhagwan Atlani

हाशिया गवाह

कन्हैयालाल जी के इर्दगिर्द घुमती एक कहानी
प्रथम प्रकरण,आपको आगे पढने के लिए मजबूर करेगा

पढ़िए रोचक कहानी - हाशिया गवाह

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फैसला By Divya Shukla

फैसला (1) शाम की ट्रेन थी बेटे की अभी सत्ररह साल का ही तो है राघव पहली बार अकेले सफर कर रहा है उसे अकेले भेजते हुए मेरा कलेजा कांपा तो बहुत फिर भी खुद को समझा के उसे ट्रेन में...

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खाली हाथ By Ratna Pandey

सूरज और नताशा का इकलौता बेटा अरुण विवाह के दस वर्ष के पश्चात नताशा के गर्भ में आया था। इसके लिए उन्होंने मंदिर-मंदिर जाकर भगवान के आगे माथा टेका था, ना जाने कितनी मानता रखी थीं। तब...

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सियाह हाशिए By BALRAM AGARWAL

‘सियाह हाशिये’ पाकिस्तान में बस जाने के बाद मंटो की तीसरी किताब थी जो ‘मकतबा-ए-जदीद’ से प्रकाशित हुई। सन् 1951 तक यह उनकी सातवीं किताब थी। वीभत्सता, उलझन, बेज़ारी, नफ़रत, दुख और क्...

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टोरंटो (कनाडा) यात्रा संस्मरण By Manoj kumar shukla

हमने अपने जीवन काल में भारत के अनेक शहरों एवं पर्यटन स्थलों का भ्रमण ट्रेन व बस माध्यम से किया। पर विदेश यात्रा जाने का यह पहला अवसर था वह भी हवाई जहाज से। हमारी यह उड़ान हवाई जहाज...

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अंजामे मुहाब्बत By Sarah

ठंडी हवा के झोंके पेड़ो को झूमने पर मजबूर कर रहे थे।शाम का धुंदलका छा रहा था। हर चीज सुर्खी लिए हुए महसूस हो रही थी।सूरज नीले आसमान पर अपनी मंजिल तय करता हुआ चारों तरफ सुर्खी बिखेर...

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लिविंग विथ डाय By Makvana Bhavek

आज साकुरा नाम कि एक हाईस्कूल स्टूडेन्ट का फिनरल होता है जहा उसके सारे दोस्त आये होते है लेकिन उसीका एक क्लासमेट हारुकि वहा नहि गया होता वो अपने रूम में उसने किया अपना आखरी मैसेज दे...

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हर्ज़ाना By Anjali Deshpande

हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (1) घंटी बजी, नौकर ने दरवाज़ा खोला और वापस आकर कहा, “चार लोग हैं साब.” उनके चेहरे की हर झुर्री प्रफुल्लित हो उभर आई. वे इतनी तत्परता से उठे कि रीढ़ ने प्रतिवाद...

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इंतजार दूसरा By Kishanlal Sharma

दामोदर गर्दन झुकाये हुए मन ही मन मे कुछ सोचता हुआ चला जा रहा था।तभी उसे हंसने की आवाज सुनाई पड़ी।खनखनाती हंसी सुनकर उसे ऐसा लगा, मानो किसी ने सुराई नुमा गर्दन से सारी की सारी शराब ए...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) By DILIP UTTAM

"अर्धांगिनी"----- कहने को अर्धांगिनी कहा जाता है परंतु आधा हिस्सा दिया किसने, आधा हक दिया किसने, और आधा अधिकार/मान-सम्मान दिया किसने, आधा तो क्या उसे हर मोड़ पर छला जाता...

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दो दिलों की कहानी प्यार By Ishani Morya

To कहानी की शुरू होने से पहले मैं आप सबको कहानी के बारे में छोटा सा ट्रेलर or charter ka intro देना चाहूंगी कि is कहानी ki किस तरह से मेरे द्वारा शुरुआत होती है तथा किस तरह से यह आ...

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कजरी By anushka swami

श्यामाप्रसाद ने क्या जवाब दिया आपका ? ' जानकी देवी ने अपने पति रघुनाथ से पूछा ।
'तुम जानती हो जवाब क्या आएगा ,मेरी मानो तो उम्मीद छोड़ दो '। रघुनाथ् ने अपने घर के सामने...

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लबसना वाला प्यार By Manisha Agarwal

अंशिका के घर का सीन इतनी चिंता क्यों कर रही हो जो भी होगा अच्छा ही होगा मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम्हारा बेस्ट रिजल्ट आएगा। मां लगातार बोले जा रही है, पर अंशिका की नजर अपने लैपटॉप...

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रुड डॉक्टर की स्वीट वाइफ By DEEPAK KUMAR

बहुत बड़ी बिल्डिंग जिसके बाहर बहुत बड़ा बड़ा खुराना हॉस्पिटल लिखा हुआ था। हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर के बाहर कुछ आदमी आपस में बात कर रहे थे ,"तुम टेंशन मत लो जे डॉक्टर इंडिया के...

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लौट आओ अमारा By शिखा श्रीवास्तव

यूँ तो अभी कृष्ण-पक्ष की समाप्ति में दो दिन बचे हुए थे और चंद्रमा अपनी बहुत ही हल्की छाया में तारों के साथ धीमी-धीमी रोशनी फैलाते हुए आसमान में चहलकदमी कर रहा था लेकिन फिर भी अपने...

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बारह पन्ने - अतीत की शृंखला से By Mamta

बारह पन्ने अतीत की शृंखला के बचपन इंसान की ज़िंदगी का सबसे सुनहरा दौर जिसे शायद अंतिम साँस तक नही भुलाया जा सकता ।जीवन का सबसे स्वर्णिम काल ,चिंतारहित खेलना खाना ,बेपरवाह सी ज...

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बड़े बाबू का प्यार By Swapnil Srivastava Ishhoo

भाग 1/16: हैप्पी बर्थ डे वन्स अगेन..... “बड़े-बाबू.....ओ बड़े-बाबू.....दरवाज़ा खोलिए, कब से घंटी बजा रहे हैं”, मंदार दरवाज़ा पीटते हुए बोला|थोड़ी देर में दरवाज़ा खुला और दिवाकर झांकते हु...

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अलौकिक प्रेम कथायें By सोनू समाधिया रसिक

घनसोर के शांत गांव में, जहां रातें प्राचीन बरगद के पेड़ों की तरह शांत होती थीं, एक पुरानी हवेली थी जो अतीत के रहस्यों को फुसफुसाती थी। गांव वाले वहां जाने से इसलिए कतराते थे क्योंक...

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कैक्टस के जंगल By Sureshbabu Mishra

श्री सुरेश बाबू मिश्रा हिन्दी कथा साहित्य का जाना-पहचाना नाम है। आपकी अनेक रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रहती हैं। आपका नया कहानी संग्रह ‘कैक्टस के जंगल’ न...

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निरुत्तर By Ratna Pandey

वंदना एक बहुत ही कुशल प्रेरक वक्ता थी। वह अपने प्रेरणात्मक भाषणों से समाज को एक नई दिशा देने की जवाबदारी लेना उसका कर्तव्य समझती थी। लोगों को उसकी कही बातें बहुत अच्छी लगती थीं। ले...

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तलाश... एक औरत के अस्तित्व की By RICHA AGARWAL

आज फिर, खिड़की पर बैठी, रिमझिम बारिश में खेलते बच्चों को निहारती, सुहानी कुछ सोचने लग पड़ी थी । वक़्त गुज़रते देर कहाँ लगती है ?? उसकी शादी को आज पूरे 27 साल हो चुके थे,पर लगता है जैसे...

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अनसुनी यात्राओं की नायिकाएं By Pradeep Shrivastava

ढेरों रंग-गुलाल से भरी होली एकदम सामने अठखेलियां करने लगी थी. फाल्गुन में फगुनहट जोर-शोर से बह रही थी. पेशे से तेज़-तर्रार वकील, मेरे एक पारिवारिक मित्र 'दरभंगा' से वापस &#3...

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बहादुर बेटी By Anand Vishvas

जिसने पुस्तक अौर पैन को घर-घर पहुँचाकर, घाटी के विकास की नई गाथा लिख दी...

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गुमनाम राजा By Harshit Ranjan

हमारे देश आदि काल से अपनी कला-कृति, ज्ञान, औषधियों, योद्धाओं आदि के लिए संपूर्ण विश्य मे प्रसिद्ध रहा है । इन सभी के साथ-साथ एक और चीज़ है जिसके लिए हमारा देश संपूर्ण विश्व मे ं जा...

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प्रेम विवाह By Rajesh Rajesh

जिस रेलवे जंक्शन पर मधु अपनी मां और छोटे भाई के साथ अपने गांव के लिए रेल पकड़ने आती है, उस रेलवे जंक्शन पर हमेशा सन्नाटा छाया रहता था उस छोटे रेलवे जंक्शन पर यात्री नाम मात्र के लि...

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जीवन @ शटडाऊन By Neelam Kulshreshtha

[ कोरोनाकाल को याद तो कोई नहीं करना चाहता लेकिन ये उस समय की बिलकुल अलग कहानी है कि लोग किस तरह नाटकीय स्थितियों में फंस गये थे। पढ़िए पहले लॉकडाउन के आरम्भ के एक माह बाद की हमारी ट...

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बॉडीगार्ड By MR. JAYANT

यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...

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मेरी मोहब्बत कौन...? By Swati Kumari

सुबह के 9:30 या 10 का समय हो रहा था बस कुछ देर पहले ही कॉलेज की गेट खुली ही थी हेमंत और हिमाशु किसी बात को लेकर बहस करते हुए कॉलेज के अंदर प्रवेश करते हैं । इन दोनों के बीच ऐसी लड़ा...

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मंजिल अपनी अपनी By Awantika Palewale

मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा।
चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा।

मोहन बोला मैं चाचा मोहन आया हूं।
चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड...

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मासूम गंगा के सवाल By Sheel Kaushik

मासूम गंगा के सवाल (लघुकविता-संग्रह) शील कौशिक (1) समर्पण उन सभी प्रकृति प्रेमियों, पर्यावरण विद्वानों को जो प्रकृति को महसूसते हैं... जानते-समझते हैं और उसके प्रति कृतज्ञ हैं...

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महत्वाकांक्षा By Shashi Ranjan

साक्षात्कार के बाद कोलकाता से खुशी खुशी मैं वापस लौट रहा था । राजधानी एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी के जिस केबिन में मैं चढा, उसमें पहले से एक और आदमी मौजूद था । जल्दी ही पता चला कि वह...

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उजाले की ओर By Jaishree Roy

उजाले की ओर जयश्री रॉय (1) दोपहर का धूल भरा आकाश इस समय पीला दिख रहा है। सूरज एकदम माथे पर- एक फैलता-सिकुड़ता हुआ बड़ा-सा सफेद धब्बा! हवा अब रह-रह कर आंच देने लगी है! रूना चेहरे पर द...

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