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1. सपने बुनते हुएकभी सुना था उसने सपने मर जाने से मर जाता है समाज आज सपने बुनते...
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इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल...
........... कैसी हो तुम..? मैं ठीक हूं. कहते हुए नीलिमा ने ,नारंग के सवाल का जवा...
माँ वीणापाणि को नमन जो साँसों की भाँति मन में विचारों की गंगा प्रवाहित करती हैं|...
एक तरफा प्यार..... एक सच्ची कहानी....!!!!भोपाल मध्यप्रदेश...भोपाल शहर में एक रोह...
१. स्त्रीत्वपूछता हूं मैं जग से आज ललकार कर क्या करते हो संदेह तुम उस अद्वितीय फ...
प्रिय पाठकों मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचन...
जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग...
भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव उसकी आँखों में भर आए आँसू उसके गालों पर गिरने ही वाले थ...
नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...
विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के सभी धर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्...
( उपन्यास )1. एक बहुत बढ़ा बंगला था बिलकुल एक आलीशान हवेली की तरह। उस बंगलाके आगे बड़े बड़े पोस्टर लगेहुवे थे। वो पोस्टर लड़कीकी थी जो की एक हीरोइन की है। उस पोस्टरके ठीक नीचेकी तरफ...
आज की सुबह महावीर सिंह के लिए सबकुछ बदलने वाली सुबह थी। सबकुछ पहले जैसा ही था। सूरज भी पूरब से ही निकला था, मुर्गे ने भी बांग दिया था। चिड़िया भी उसी तरह चाह्चाती हुई अपने घोंसलों स...
यह कहानी है जानवी की ,,,,,,जो बहुत ही प्यारी है,,,और अपने घरवालों की लाडली है,,,,,,और साथ में बहुत जिद्दी भी।,,,,,,जो काम एक बार थान ले,,,,,,वो कर के ही रहती है।,,,,,,वो कर बैठी है...
?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म भी भरेंगेअब हम भी इश्क...
आज फिर से स्वाति को नींद नहीं आ रही थी, वो बैचेनी से अपने बिस्तर पर करवटे बदलते बदलते थक गई तो, अपने बेड की साइड की लाइट को ऑन कर दी और उठ कर पानी का गिलास एक ही घूँट में खत्म कर द...
पर्दों के बीच की झिरी से सूरज की किरणें वनिता के चेहरे पर ऐसे पड़ रही थी जैसे किसी मंच पर प्रमुख किरदार के चेहरे पर स्पॉटलाइट डालकर उसके चेहरे के भावों को उभारा जाए । रूखे बिखरे का...
माने हुए व्यापारी किशनचंद भगनानी के बेटे मानस भगनानी की इंगेजमेंट श्वेता रामचंद्रन के साथ होती है। इस इंगेजमेंट की सुर्खियां सही तरह से मीडिया में फैलती उससे पहले ही मानस के स्टड फ...
मेरे प्यार की शुरूआत कुछ इस तरह हुई की में कक्षा 10 के बाद मेरी स्कूल बदल गई और कक्षा 11 में मुझे एक लड़की पसंद आती हैं। वो बहुत ही सुंदर थी , उसकी सुंदरता कहूं तो यूं थी की वो एकद...
बुढ़ापा आ गया है, बीमार भी हूं और अब मेरे विचार अक्सर मृत्यु की ओर ही जाया करते हैं जो दिन-ब-दिन मेरे पास आ रही है। कदाचित् ही मैं भूतकाल के संबंध में सोचता हूं और शायद ही कभी मै...
डिस्क्लेमर : यह मेरी रचना पूर्ण रूप से काल्पनिक है । इसमें सभी किरदार भी काल्पनिक है । इसका सम्बन्ध किसी व्यक्ति , स्थान , जाती , धर्म से संबंधित नहीं है अगर आपको लगता है की संबंध...
पिछले स्टॉप से बस छूटी तो सर पर चढ़ी धूप ठंडी हो चली थी। खिड़की से अब ठंडी हवा आने लगी थी। दिन भर की गर्मी और उमस ने दिमाग में शार्ट सर्किट किया हुआ था। छुट्टन उर्फ छज्जन लाल कभी म...
इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से होती है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और दूसरा है संजय कु...
काव्य संकलन - समय का दौर वेदराम प्रजापति मनमस्त सम्पर्क सूत्र. गायत्री शक्ति...
मेरे द्वारा लिखी गयी कहानी फेसबुक मेरे कथा-संग्रह एक देह एक आत्मा से ली गयी है । फेसबुक की वर्चुअल दुनिया वास्तविक में किस तरह से मार्मिक हो जाती है यह इस कहानी में बताया गया है...
मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चलती चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो वि...
(काव्य संकलन) समर्पण - जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने - समझने की कोशिश की, उन्हीं के कर कमलों में-सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867...
हाशिया गवाह कन्हैयालाल जी के इर्दगिर्द घुमती एक कहानी प्रथम प्रकरण,आपको आगे पढने के लिए मजबूर करेगा पढ़िए रोचक कहानी - हाशिया गवाह
फैसला (1) शाम की ट्रेन थी बेटे की अभी सत्ररह साल का ही तो है राघव पहली बार अकेले सफर कर रहा है उसे अकेले भेजते हुए मेरा कलेजा कांपा तो बहुत फिर भी खुद को समझा के उसे ट्रेन में...
सूरज और नताशा का इकलौता बेटा अरुण विवाह के दस वर्ष के पश्चात नताशा के गर्भ में आया था। इसके लिए उन्होंने मंदिर-मंदिर जाकर भगवान के आगे माथा टेका था, ना जाने कितनी मानता रखी थीं। तब...
‘सियाह हाशिये’ पाकिस्तान में बस जाने के बाद मंटो की तीसरी किताब थी जो ‘मकतबा-ए-जदीद’ से प्रकाशित हुई। सन् 1951 तक यह उनकी सातवीं किताब थी। वीभत्सता, उलझन, बेज़ारी, नफ़रत, दुख और क्...
हमने अपने जीवन काल में भारत के अनेक शहरों एवं पर्यटन स्थलों का भ्रमण ट्रेन व बस माध्यम से किया। पर विदेश यात्रा जाने का यह पहला अवसर था वह भी हवाई जहाज से। हमारी यह उड़ान हवाई जहाज...
ठंडी हवा के झोंके पेड़ो को झूमने पर मजबूर कर रहे थे।शाम का धुंदलका छा रहा था। हर चीज सुर्खी लिए हुए महसूस हो रही थी।सूरज नीले आसमान पर अपनी मंजिल तय करता हुआ चारों तरफ सुर्खी बिखेर...
आज साकुरा नाम कि एक हाईस्कूल स्टूडेन्ट का फिनरल होता है जहा उसके सारे दोस्त आये होते है लेकिन उसीका एक क्लासमेट हारुकि वहा नहि गया होता वो अपने रूम में उसने किया अपना आखरी मैसेज दे...
हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (1) घंटी बजी, नौकर ने दरवाज़ा खोला और वापस आकर कहा, “चार लोग हैं साब.” उनके चेहरे की हर झुर्री प्रफुल्लित हो उभर आई. वे इतनी तत्परता से उठे कि रीढ़ ने प्रतिवाद...
दामोदर गर्दन झुकाये हुए मन ही मन मे कुछ सोचता हुआ चला जा रहा था।तभी उसे हंसने की आवाज सुनाई पड़ी।खनखनाती हंसी सुनकर उसे ऐसा लगा, मानो किसी ने सुराई नुमा गर्दन से सारी की सारी शराब ए...
"अर्धांगिनी"----- कहने को अर्धांगिनी कहा जाता है परंतु आधा हिस्सा दिया किसने, आधा हक दिया किसने, और आधा अधिकार/मान-सम्मान दिया किसने, आधा तो क्या उसे हर मोड़ पर छला जाता...
To कहानी की शुरू होने से पहले मैं आप सबको कहानी के बारे में छोटा सा ट्रेलर or charter ka intro देना चाहूंगी कि is कहानी ki किस तरह से मेरे द्वारा शुरुआत होती है तथा किस तरह से यह आ...
श्यामाप्रसाद ने क्या जवाब दिया आपका ? ' जानकी देवी ने अपने पति रघुनाथ से पूछा । 'तुम जानती हो जवाब क्या आएगा ,मेरी मानो तो उम्मीद छोड़ दो '। रघुनाथ् ने अपने घर के सामने...
अंशिका के घर का सीन इतनी चिंता क्यों कर रही हो जो भी होगा अच्छा ही होगा मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम्हारा बेस्ट रिजल्ट आएगा। मां लगातार बोले जा रही है, पर अंशिका की नजर अपने लैपटॉप...
बहुत बड़ी बिल्डिंग जिसके बाहर बहुत बड़ा बड़ा खुराना हॉस्पिटल लिखा हुआ था। हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर के बाहर कुछ आदमी आपस में बात कर रहे थे ,"तुम टेंशन मत लो जे डॉक्टर इंडिया के...
यूँ तो अभी कृष्ण-पक्ष की समाप्ति में दो दिन बचे हुए थे और चंद्रमा अपनी बहुत ही हल्की छाया में तारों के साथ धीमी-धीमी रोशनी फैलाते हुए आसमान में चहलकदमी कर रहा था लेकिन फिर भी अपने...
बारह पन्ने अतीत की शृंखला के बचपन इंसान की ज़िंदगी का सबसे सुनहरा दौर जिसे शायद अंतिम साँस तक नही भुलाया जा सकता ।जीवन का सबसे स्वर्णिम काल ,चिंतारहित खेलना खाना ,बेपरवाह सी ज...
भाग 1/16: हैप्पी बर्थ डे वन्स अगेन..... “बड़े-बाबू.....ओ बड़े-बाबू.....दरवाज़ा खोलिए, कब से घंटी बजा रहे हैं”, मंदार दरवाज़ा पीटते हुए बोला|थोड़ी देर में दरवाज़ा खुला और दिवाकर झांकते हु...
घनसोर के शांत गांव में, जहां रातें प्राचीन बरगद के पेड़ों की तरह शांत होती थीं, एक पुरानी हवेली थी जो अतीत के रहस्यों को फुसफुसाती थी। गांव वाले वहां जाने से इसलिए कतराते थे क्योंक...
श्री सुरेश बाबू मिश्रा हिन्दी कथा साहित्य का जाना-पहचाना नाम है। आपकी अनेक रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती रहती हैं। आपका नया कहानी संग्रह ‘कैक्टस के जंगल’ न...
वंदना एक बहुत ही कुशल प्रेरक वक्ता थी। वह अपने प्रेरणात्मक भाषणों से समाज को एक नई दिशा देने की जवाबदारी लेना उसका कर्तव्य समझती थी। लोगों को उसकी कही बातें बहुत अच्छी लगती थीं। ले...
आज फिर, खिड़की पर बैठी, रिमझिम बारिश में खेलते बच्चों को निहारती, सुहानी कुछ सोचने लग पड़ी थी । वक़्त गुज़रते देर कहाँ लगती है ?? उसकी शादी को आज पूरे 27 साल हो चुके थे,पर लगता है जैसे...
ढेरों रंग-गुलाल से भरी होली एकदम सामने अठखेलियां करने लगी थी. फाल्गुन में फगुनहट जोर-शोर से बह रही थी. पेशे से तेज़-तर्रार वकील, मेरे एक पारिवारिक मित्र 'दरभंगा' से वापस ...
जिसने पुस्तक अौर पैन को घर-घर पहुँचाकर, घाटी के विकास की नई गाथा लिख दी...
हमारे देश आदि काल से अपनी कला-कृति, ज्ञान, औषधियों, योद्धाओं आदि के लिए संपूर्ण विश्य मे प्रसिद्ध रहा है । इन सभी के साथ-साथ एक और चीज़ है जिसके लिए हमारा देश संपूर्ण विश्व मे ं जा...
जिस रेलवे जंक्शन पर मधु अपनी मां और छोटे भाई के साथ अपने गांव के लिए रेल पकड़ने आती है, उस रेलवे जंक्शन पर हमेशा सन्नाटा छाया रहता था उस छोटे रेलवे जंक्शन पर यात्री नाम मात्र के लि...
[ कोरोनाकाल को याद तो कोई नहीं करना चाहता लेकिन ये उस समय की बिलकुल अलग कहानी है कि लोग किस तरह नाटकीय स्थितियों में फंस गये थे। पढ़िए पहले लॉकडाउन के आरम्भ के एक माह बाद की हमारी ट...
यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...
सुबह के 9:30 या 10 का समय हो रहा था बस कुछ देर पहले ही कॉलेज की गेट खुली ही थी हेमंत और हिमाशु किसी बात को लेकर बहस करते हुए कॉलेज के अंदर प्रवेश करते हैं । इन दोनों के बीच ऐसी लड़ा...
मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा। चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा। मोहन बोला मैं चाचा मोहन आया हूं। चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड...
मासूम गंगा के सवाल (लघुकविता-संग्रह) शील कौशिक (1) समर्पण उन सभी प्रकृति प्रेमियों, पर्यावरण विद्वानों को जो प्रकृति को महसूसते हैं... जानते-समझते हैं और उसके प्रति कृतज्ञ हैं...
साक्षात्कार के बाद कोलकाता से खुशी खुशी मैं वापस लौट रहा था । राजधानी एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी के जिस केबिन में मैं चढा, उसमें पहले से एक और आदमी मौजूद था । जल्दी ही पता चला कि वह...
उजाले की ओर जयश्री रॉय (1) दोपहर का धूल भरा आकाश इस समय पीला दिख रहा है। सूरज एकदम माथे पर- एक फैलता-सिकुड़ता हुआ बड़ा-सा सफेद धब्बा! हवा अब रह-रह कर आंच देने लगी है! रूना चेहरे पर द...
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