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पात्र: परिचयसुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीर...
पुरोवाक्'मनस्वी' एक शोकगाथा है एक करुण उपन्यासिका (Elegiac Novelette) ।...
(1)हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों...
आज के युग मैं जरूरी हैँ सामने वाले की पहचान उसकी भाषा मैं बोलनेकी कला. हा जरूरी...
*!! बूढ़े गिद्ध की सलाह !!**एक बार गिद्धों (Vultures) का झुण्ड उड़ता-उड़ता एक टापू...
(1) -----लम्बी कहानी एपिसोड टाइप ------ ----- मंजिले ----- ...
यह कहानी है बचपन की एक ऐसी दोस्ती की, जो मासूमियत और सच्चे विश्वास के धागों से ब...
यहाँ हमने पहले बुज़ुर्गो के आशिष नाम से novel मतलब motivational कहानियाँ लिखी थी...
इंदिरा सौंदराराजन इंदिरा सौंदराराजन तमिल के बहुत बड़े और प्रसिद्ध लेखक हैं। आपने...
जय द्वारिकाधिश..जय श्री कृष्ण.. जय भोलेनाथ...... ॐ नमः शिवाय.. गणेशाय नमः....दोप...
महर्षि अष्टावक्र प्रदत्त ब्रह्म-विद्या को अखिल भारतीय सन्तमत सत्संग की परम्परा के सद्गुरुओं ने इस आधुनिक युग में आनन्द-योग के रूप में व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक जीवन में आध्यात...
बॉलीवुड की हिंदी फिल्मों और गानों का अटूट रिश्ता रहा है और गानों को रूप देने में संगीतकार या म्यूजिक डायरेक्टर का सर्वाधिक योगदान होता है. कुछ बहुत पुराने गाने भी संगीतकारों के चल...
नादान मोहब्बत( प्रस्तावना-प्यार की परिभाषा )क्या प्यार समझदारों का खेल है या शारीरिक रसायनों का प्रभाव ? जब प्यार की परिभाषा भी स्पष्ट नही होती तब प्यार कैसे हो जाता है ? कम उम्र म...
ये कहानी हैं आरोही के एक तरफा प्यार कि चलिए फ़िर इस कहानी के सफर मै माँ जल्दी करिये मेरी ट्रेन छूट जाएगी मेरी माँ आते हुए काव्या तुझे कितनी बार बोला है कही जाना हो तो पहले से बताआ...
अंतिम सफर,,,,,,, यह बात तब की है ,जब मैं एक बार ऊंचे पहाड़ों की तरफ घूमने निकल गया था,, मौसम एकदम खुशनुमा था,, धूप खिली हुई थी ,,महीना भी मार्च के शुरुआत का था, पहाड़ों से बहने वाल...
कई बातें ऐसी थीं जो मीता के स्वभाव के प्रतिकूल थीं- उनमे से एक थी ब्राह्मवेला के पश्चात चारपाई तोड़ते रहना। अनुज से इस विषय में अनेक बार उससे बहस हुई थी और यदा कदा मानमनौव्वल से मिट...
रमा शंकर पिछले 15 सालों से दीनदयाल के घर पर किराए से रह रहा था । रमा शंकर के पिता महादेव अपनी पत्नी गौरी के साथ गाँव में रहते थे, जहाँ उनका एक खेत था जिसमें उनके छोटे भाई का भी हिस...
कब्रस्तान लफ्ज सुनते ही हमारे जहन मे एक ही ख्याल आता है " खौफ" से रूह कांप जाती है ऐसी ही एक खौफ से भरी कहानी है एक शहर की ऊंची मंजिला इमारत बहुत ही खूबसूरत और रहस्य से भरी इमारत...
हर्ष ,हर्ष! कहां हो तुम? तुम्हें ढूंढती, तुम्हारे पीछे भागती वही मैं और अचानक सपना टूट जाता है। क्यों बार-बार देख रही हूं मैं यह सपना ? क्या संबंध है मेरा इस सपने से ? संबंध तो वा...
आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 1. रानी प्रतिदिन अपनी बेटी लाली को अपनी आपबीती कहानी का एक छोटा अंश सुनाती थी और बीच-बीच में उस अंश से सम्बन्धित कई प्रश्न पूछकर उसकी स्मरण शक्ति तथ...
पापा की जोब मुम्बंई ट्रान्सफर हुई थी।कल रात ही पापा-मम्मी और मे विस्वकर्मा एपार्टमेन्ट के आठवे माले पे फ्लेट नंबर 103 मे सीफ्ट हुए थे।लगभग सारा सामान आ चुका था।लेकिन कुछ स...
इस लेख श्रृंखला में , हम एक ऐसे विषय से परिचित होने की कोशिश करेंगे जो बहोत ही मौलिक एवं सहज होने के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ होने के बावजूद समाज में इसके बारे म...
संचिता जो कि 12थ क्लास में पढ़ने वाली लड़की है । छुट्टी की असमेंबली में खड़ी , एक लड़के को देख रही थी । असेंबली खत्म होते ही , वो उस लड़के के पास आई , जो लगभग नींद में चल रहा था ।...
तेरी पगार कितनी है? - तीन हज़ार! - महीने के? - और नहीं तो क्या, रोज़ के तीन हज़ार कौन देगा रे मुझको? - ऐसा मत बोल, दे भी देगा! उसने कनखियों से लड़की की ओर देखते हुए कहा। लड़की...
‘’रत्नावली’’ पर एक दृष्टि बद्री नारायण तिवारी आज वातानुकूलित कमरों में बैठ कर जो लिखा जा रहा है उसका क्षणिक प्रचार तो मिल जायेगा किन्तु वह रचनायें कालजयी नहीं हो पातीं। भक्तवत्...
“छूना है आसमान“, बाल उपन्यास कल्पना कम, हकीकत अधिक है। चेतना से मेरा परिचय किसी और नाम से हुआ था। चेतना उम्र में छोटी जरूर थी, लेकिन उसकी समझ, उसकी बातें और उसकी सोच बड़ों से कम नही...
यह कहनी है एक अनोखी लड़की की जो जितनी प्यारी है उतनी ही खतरनाक अपको लग रहा होगा कैसे तो आप आगे देखते जाईये इनके कारनामे। श्रुति शर्मा जो आगरा मे पली बड़ी माँ पापा की लडली बेटी है। अ...
"मैं तो अब कुछ ही क्षणों का महेमान हूँ श्रद्धा की माँ!" कहते हुए सुन्दरपाल की आवाज लड़खड़ा गई| "ऐसी बात मुँह से नहीं निकालते श्रद्धा के बापू |" माया कुर्सी से उठकर अप...
दिन भर की थकी माँदी वो अभी अभी अपने बिस्तर पर लेटी थी और लेटते ही सो गई। म्युनिसिपल कमेटी का दारोगा सफ़ाई, जिसे वो सेठ जी के नाम से पुकारा करती थी। अभी अभी उस की हड्डियां पसलियां झ...
कूंज विला..... मूंबई... सावित्री :- जगदीश, अनिल, भावना, सुरेखा..... सारी तैयारी हो गई ना? (सावित्री खुश होकर पुछती है.) ( इस कुंज विला में रहता है गुजरात से आकर बसा हुआ मेहता परिवा...
जो घर फूंके अपना 1 चीनी हमले से लुप्त हुई फ़ौजी जीवन की मीठास उन्नीस सौ बासठ में भारत पर चीनी आक्रमण के लिए भारतीय सेनायें कतई तैयार नहीं थीं. चीनी थलसेना ने भारतीय थलसेना पर एक-एक...
यह कहानी विभिन्न मन-स्थितियों मं जी रहे तीन ऐसे पात्रों की कहानी है जो असामान्य जीवन जीने को अभिशप्त हैं। थामस ए. हैरिस नामक अमेरिका के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक ने अपनी विश्वविख्यात प...
ये किसे ले आया अपने साथ?मास्टर किशनलाल ने अपने नौकर दीनू से पूछा। मालिक,हैजे से पत्नि चल बसी,ये अकेली जान कैसे रहता गांव में, कोई रिश्तेदार भी तो ऐसा भरोसेमंद नहीं है, जिसके पास इ...
मेरे मार्गदर्शन में हमारा यह म्यूजीक ग्रुप गुजरात के जूनागढ़ शहर में आयोजित एक ख्यातनाम संगीत स्पर्धा में प्रत्याशी बनकर आया है। आज मेरी टीम के सभी कलाकार आने के बाद तुरंत हम सब रिह...
एक भोर होते ही चिड़ियों ने चहकना शुरू कर दिया। उनमें एक संवाद छिड़ गया था। कुछों का कहना था-‘इस गाँव का किसान बड़ा खराब है, हमारे पहुँच ने से प...
वैसे फिल्मों में तो सब चाहते हैं कि हीरो और हीरोइन मिले, मगर असल जिंदगी में कोई भी नही चाहता। वैसे भी वो लोग बहुत ही खुश नसीब होते है जिन्हे उनकी मोहब्बत मिलती है। चलिए अब मैं अ...
शहनाज़! कहाँ जा रहीं हैं आप? हमीदा ने अपनी बेटी से पूछा।। अम्मीजान घर में बैठें बैठें बोर हो गए हैं,सोच रहे थे कि बाहर ही घूम आएं,शहनाज़ बोली।। सुनिए ये गाँव है आपका शहर नहीं है जो...
आज भी रोज की तरह रात के 1 बजे रोबर्ट दरवाजा खटखटा रहा था। उतने मैं घरके अंदर टोबी के भोकने की आवाज़ आने लगी ।टोबी ने जेरी की थोडी फटी हुई पेंट को मुह में रखकर खिंच र...
दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...
बेडरूम के दरवाजे के ऊपर रही खाली दीवार पर लगी हुई घड़ी के दोनों कांटे आपस में एक होकर मिलने के बाद धीरे धीरे बिछुड़ रहे थे । डबल बेड के सामने की दीवार पर टंगी हुई राजीव और रागिनी की...
हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...
भाग -1 दोस्तो ये कहानी है किसी के संघर्ष की, किसी के अटूट विश्वास की, एक ऐसे रिश्ते की जिसमें इज़त ओर स्नेह भरपूर है और इन्हीं सबसे लबरेज़ है हमारी ये कहानी ज़िन्दगी के सफ़र में .....
हरिहर स्कूल की दीवार पर लिखा पढ़ रहा है ----'शिक्षा पर सबका अधिकार हैं' उसने यह बार-बार पढ़ा और अपने दोनों बेटे केशव और मनोहर का हाथ कसकर पकड़ लिया। वह स्...
एक कॉम्प्लिकेटेड, सस्पेंस थ्रिलर और एक्शन से भरी अवनी और विवान की प्रेम कहानी, जो बहुत सी मुस्किलो से होते हुए अंजाम तक पहुंचती हैं"मुस्कराते चहरे कि हकीक़त"संगम विहार,A-bl...
सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा था।जब भी उसका मन करता वह यहां आकर बैठ जाता था...
निर्मला एक छोटे से गाँव की सीधी सादी लड़की थी। वह पढ़ने में बहुत ही तेज थी और आगे पढ़कर जीवन में तरक्क़ी करना चाहती थी। लेकिन गाँव में आठवीं के आगे स्कूल न होने के कारण उसे पढ़ाई छोड...
ऐमिलियो डोरा को मैं आज भी अपनी पत्नी ही मानता हूं। वह आज भी मेरे हृदय के इतने करीब है, मुझमें इतना समायी हुई है कि मैं उसकी महक को महसूस करता हूं। मुझे अब भी ऐसा लगता है कि जैसे वह...
प्यार मतलब लगाव,आत्मीयता,प्रेम,जुड़ाव,खिंचाव,चाहत अनेक शब्द है प्यार के लिए प्यार के अनेक रूप है माँ का बेटे से या बेटे का। माँ से प्यार बाप का बेटी से या बेटी का बाप से प्यार...
1934 के न्यूरेम्बर्ग में एक जवान होती हुयी लड़की प्रियंवद (1) ‘‘तुम्हें कैसे पता ‘‘ ? ‘‘ क्या ‘‘ ? ‘‘ कि वह मर गए हैं ‘‘ ? अभी सर्दियाँ शुरु हुयी थीं पर ठंड बहुत थी। बूढ़ी हडिड्यों...
यह कहानी एक साधु है। जिसकी एक गीरोह होती है। वह अपने काम कि वजह से राजश्थान के चीरोली गाँव पहुचता है। और वहा उसे अपने पीछले जनम की प्रेमीका मीलती है। फिर उन दोनो के बीच प्रेम के लि...
ये दिल पगला कहीं का उपन्यास सारांश- ‘ये दिल पगला कहीं का’ उपन्यास कहानी है अभय और डिम्पल की। जो बचपन के प्रेमी है। अभय जब अपनी बेरोजगारी के कारण डिम्पल को अपनाने से मना कर देता है...
समीना तुमसे बिछुड़े हुए तीन बरस से ज़्यादा होने जा रहा है। मगर ऐसा लग रहा है मानो अभी तुम इस रमानी हाउस के किसी कमरे से जोर-जोर से मुझे पुकारती हुई सामने आ खड़ी होगी और मुझे डपटते हु...
भट्टी में डाली गई लकड़ी कोयला बनकर अंगारों का रूप धारण कर चुकी हैं। थोड़ी देर पहले तक इसमें कल की जली हुई लकड़ियों की राख बिखरी थी। पर अब ये आग का कुआँ बन चुकी हैं। इस कुएँ के मुहाने...
मेरे बचपन की यादों में जिस तरह अलीबाबा, सिंदबाद, अलादीन, पंचतंत्र की कहानियाँ और अलिफ़ लैला के संग शहर बगदाद आज भी ज़िंदा है उसी प्रकार पिछले सैंतीस वर्षों से मुम्बई मेरे खून में रच...
माँ का स्नेह देता था स्वर्ग की अनुभूति। उसका आशीष भरता था जीवन में स्फूर्ति। एक दिन उसकी सांसों में हो रहा था सूर्यास्त हम थे स्तब्ध और विवेक शून्य देख रह...
आज मनमोहन को मन मारकर कार्यालय आना पड़ा था। उसके बॉस का सख़्त आदेश न होता तो इस समय वह आने वाली मीटिंग की फाइल तैयार करने की बजाय अपनी पत्नी रेनु के पास अस्पताल में होता। आज सुबह ज...
सत्या पहला पन्ना 1970 के दशक के प्रारंभ की बात है. तब मैं काफी छोटा था. एक दिन सुबह सवेरे मेरे पिता के एक जूनियर कुलीग हमारे घर पर आए और उन्होंने पूरे उत्साह के साथ बीती रात उनके स...
लहराता चाँद लता तेजेश्वर 'रेणुका' लहराता चाँद, (उपन्यास) सिर दर्द से फटा जा रहा था। आँखें भारी-भारी -सी लग रही थी। वह उठने की कोशिश कर रही थी पर उसकी पलकें हिलने से इनकार र...
नमस्ते मित्रो हम आपके लिए एक अनोखी कहानी लेकर आए है। सो चलो शुरू करते है। सबसे पहले मिल लेते है। फैमिली वालो को फैमिली में सबसे पहले आपको मिलवाते है रुद्र से। रुद्र एक कंपनी में जॉ...
आधी रात से ही हरिद्वार के कनखल घाट पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी। गंगाजी के ठंडे पानी में जैसे ही लोग नहाने के लिये उतरते ‘डुबुक’ की आवाज के साथ ही ‘हर्रऽऽ हर्रऽऽ गंगेऽऽ’ का कं...
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