ख्वाबो के पैरहन - 2 Santosh Srivastav द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Khavabo ke pairhan by Santosh Srivastav in Hindi Novels
चूल्हे के सामने बैठी ताहिरा धीमे-धीमे रोती हुई नाक सुड़कती जाती और दुपट्टे के छोर से आँसू पोंछती जाती अंगारों पर रोटी करारी हो रही थी खटिया पर फूफी अ...