प्रेमा - 5 Munshi Premchand द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Prema by Munshi Premchand in Hindi Novels
संध्या का समय हैए डूबने वाले सूर्य की सुनहरी किरणें रंगीन शीशो की आड़ सेए एक अंग्रेजी ढ़ंग पर सजे हुए कमरे में झॉँक रही हैं जिससे सारा कमरा रंगीन हो रहा...