Description
अनिकेत आप शादी के बाद के फैसले लेने के लिए बाध्य हैं पहले के नहीं इसीलिए अब बहू की मांग में सिंदूर लगाइये और सावित्री बहू विदाई की तैयारी करवाएं ,,,,,,,,,,,,,,जी पिता जीथोड़ी देर में विदाई हो जाती है, सभी गाडियां धीरे धीरे हवेली पहुंच चुकी थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अखण्ड प्रताप सावित्री जी से बहू के गृहप्रवेश की तैयारियां करने को कहते हैं,थोड़ी देर में सुहानी को गाड़ी से बाहर लाया जाता है जैसे ही सुहानी और अनिकेत को दरवाजे पर गृहप्रवेश के लिए लाया जाता है अनिकेत गठबंधन खोल कर सीधा अपने कमरे में जाने लगता है पीछे से अखण्ड