द्वारावती - 67 - 68 Vrajesh Shashikant Dave द्वारा Classic Stories में हिंदी पीडीएफ

Dwaraavati by Vrajesh Shashikant Dave in Hindi Novels
उस क्षण जो उद्विग्न मन से भरे थे उस में एक था अरबी समुद्र, दूसरा था पिछली रात्रि का चन्द्र और तीसरा था एक युवक।

समुद्र इतना अशांत था कि वह अपने अस्...