Description
;कि मैं जितना हद तक जानता हूं ,,,,,,,कि तुम कुछ भी कर सकते हो अनिरुद्ध ,,,,यहां तक की अपनी हदे भी पार कर हैऔर वही अनुरूप तो एक तक बस विराज के फोन को देख कर सोच रहा था,,,,,वह तब होश में आता है जब वह विराज के आगे बात सुनता है, जिसे सुन अनिरुद्ध विराज की तरफ देखने लगता है,,,,,,लेकिन कुछ बोलना नहीं है ,,,,,,अनिरुद्ध को कुछ ना बोलना देख ,, विराज गुस्से से सुना नहीं अनुरोध ,,,,,,,मैंने कहा मेरी बहन कहां है , ,विराज दोबारा ,,,अनिरुद्ध की तरफ देखते हुए, ,,देखो अनुरोध , ,,,,,मेरी बहन मासूम है ,,,,,,,,,इस