Description
और वही विवेक ,,,विधि की आवाज सुन,,,,,,अपने सोच से बाहर आता है ,,,,,और फिर विधि की तरफ देखते हुए ,,,,,,विधि अपना बचपना छोड़ो,,,,और नीचे चलो ,,,,,अगर तुम्हें नहीं जाना तो ठीक है मैं ही जा रहा हूं ,,,तो खड़ी रहो यहां पूरी रात अकेले,,,,यह कह विराज वहां से जाने लगता है, की तभी उसे विधि की आवाज आती है,,,,,,जिसे सुन विवेक की रोगते खड़े हो जाते हैं,,,,,,और वह पीछे पलट एक टक विधि को घूरने लगता हैअरे ऐसे कैसे तुम मुझे अकेला छोड़ कर जा सकते हो,,,,,,,, अगर तुम मुझे छोड़कर चले गई ,,,,,तो हमारी वन नाइट स्टैंड