स्याह उजाले के धवल प्रेत - भाग 4 Pradeep Shrivastava द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Syah Ujale ke Dhaval Pret by Pradeep Shrivastava in Hindi Novels
वह उस बार में रोज़ ही देर शाम को बैठ कर घंटे भर तक व्हिस्की पीती है, जो शहर का एक ठीक-ठाक बार कहा जाता है। जगह ज़्यादा बड़ी होने के कारण शान्ति से देर त...