सत्या के लिए - भाग 1 Pradeep Shrivastava द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Satya ke Liye by Pradeep Shrivastava in Hindi Novels
वह उस बार में रोज़ ही देर शाम को बैठ कर घंटे भर तक व्हिस्की पीती है, जो शहर का एक ठीक-ठाक बार कहा जाता है। जगह ज़्यादा बड़ी होने के कारण शान्ति से देर त...