कर्म से तपोवन तक - भाग 10 Santosh Srivastav द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Karm se Tapovan tak by Santosh Srivastav in Hindi Novels
सघन वन में संध्या दोपहर ढलते ही प्रतीत होने लगती है । माधवी ने अपने आश्रम के भीतरी प्रकोष्ठ से गगरी उठाई और वृक्षों की हरीतिमा में छुपी ऊंची नीची ढलान...