कर्म से तपोवन तक - भाग 2 Santosh Srivastav द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Karm se Tapovan tak by Santosh Srivastav in Hindi Novels
सघन वन में संध्या दोपहर ढलते ही प्रतीत होने लगती है । माधवी ने अपने आश्रम के भीतरी प्रकोष्ठ से गगरी उठाई और वृक्षों की हरीतिमा में छुपी ऊंची नीची ढलान...