व्याधि - भाग 2 Naresh Bokan Gurjar द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Vyadhi by Naresh Bokan Gurjar in Hindi Novels
जिंदगी हर रोज की तरह अपने हिसाब से चल रही थी। सुबह की ताजा ओस पेड़ पौधों के पत्तों को नयी ताजगी का एहसास करा रही थी। पक्षी चहचहाकर सबका मन मोह रहे थे।...