प्रेम गली अति साँकरी - 122 Pranava Bharti द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Prem Gali ati Sankari by Pranava Bharti in Hindi Novels
बादलों से टपकता पानी, धूप -छाँव की आँख मिचौली और जीवन की आँख मिचौली कभी-कभी एक सी ही तो लगती है | जब जी चाहा धूप-छाँह और जब मन किया मन के आसमान से बौछ...