काल के कपाल पर हस्ताक्षर –धुंधले है. -समीक्षा Yashvant Kothari द्वारा Book Reviews में हिंदी पीडीएफ

Pustak Samiksha by Yashvant Kothari in Hindi Novels
पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१...