शैलेन्द्र बुधौलिया की कवितायेँ - 3 शैलेंद्र् बुधौलिया द्वारा Poems में हिंदी पीडीएफ

Shailendr Budhouliya ki Kavitayen by शैलेंद्र् बुधौलिया in Hindi Novels
।।। एकांत ।।।

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सब ने देखा फूल सा खिलता सदा जिसका बदन ।

कोई क्या जाने कि वह कैसे जिया एकांत में ।।



जिन लवों की बा...