दुष्चक्र - 2 Kishanlal Sharma द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Dushchak by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा...