दो औरते - 4 Kishanlal Sharma द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Do Aurate by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"सुरेश तुम तो एकदम बदल गए,"वह आराम से बैठ भी नही पाया था कि विभा ने बंदूक की गोली की तरह प्रश्न दाग दिया था।
"नही तो।बिल्कुल वैसा ही हूँ।...