वीर सावरकर - 4 - कालिज के दिन Veer Savarkar द्वारा Biography में हिंदी पीडीएफ

Veer Savarkar by Veer Savarkar in Hindi Novels
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
— श्रीमद्भगवद्गीता

संसार में दो प्रकार के पुरुष होते हैं। एक तो व...