विविधा - 47 - अंतिम भाग Yashvant Kothari द्वारा Anything में हिंदी पीडीएफ

Vividha by Yashvant Kothari in Hindi Novels
बात होली की हो और कविता, शेरो-शायरी की चर्चा न हो, यह कैसे संभव हैं ? होली का अपना अंदाज है, और कवियों ने उसे अपने रंग में ढाला है। जाने माने शायर नजी...