निष्कलंक - 1 राही द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Nishkalaknk by राही in Hindi Novels
खून से सने हाथ,, जिनसे उसने अपना मुंह छुपाया हुआ था,, बाल बिखरे हुए,, घूटनों तक आता सफेद रंग का फ्रोक,, जो खून से लथपथ था,, चौदह साल कि आशा बुरी तरह स...