मानो या मानो - भाग - 4 Koushik B द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

MAANO YA NA MAANO by Koushik B in Hindi Novels
ये बात २००५ की तब हम लखनऊ इसी आलमबाग रेलवे क्वार्टर में रहते थे। हमारा परिवार तीसरे माले में रहता था। एक रात सोटे हुए अचानक मेरी आंख खुल गई। में बाथरू...