जीवन वीणा - 10 - अंतिम, समापन किश्त Anangpal Singh Bhadoria द्वारा Poems में हिंदी पीडीएफ

Jivan Bina by Anangpal Singh Bhadoria in Hindi Novels
वीणा घर में रखी पुरानी , लेकिन नहीं बजाना आया । सारा घर उस पर चिल्लाया,जिस बच्चे ने हाथ लगाया।। जीवन वीणा के तारों की रीति -नीति नहिं हमने जानी । वीणा...