पलायन (अंतिम किश्त) Kishanlal Sharma द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Palayan by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
उसका मन अजीब सा हो रहा था।दिल उदास था।मन मे एक के बाद एक उटपटांग ख्याल आ रहे थे।दिन भर निठल्ला इधर उधर घूमने के बाद वह घर लौटा था।कमरे में आते ही उस...