वह अब भी वहीं है - 31 Pradeep Shrivastava द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Vah ab bhi vahi hai by Pradeep Shrivastava in Hindi Novels
समीना तुमसे बिछुड़े हुए तीन बरस से ज़्यादा होने जा रहा है। मगर ऐसा लग रहा है मानो अभी तुम इस रमानी हाउस के किसी कमरे से जोर-जोर से मुझे पुकारती हुई साम...