मुझे तुम याद आएं--भाग(५) Saroj Verma द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Muje tum yaad aaye by Saroj Verma in Hindi Novels
अरी,भाग्यवान! सत्या कहाँ है?नाश्ते का समय हो गया है और साहबजादे अभी तक फरार हैं,सेठ जानकी दास जी बोले.....
अरे,सुबह-सुबह निकल गया था,पता नहीं क्यों न...