मृग मरीचिका - 3 - अंतिम भाग श्रुत कीर्ति अग्रवाल द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Mrug Marichika by श्रुत कीर्ति अग्रवाल in Hindi Novels
शतरंज की बिछी हुई बिसात पर सबको मोहरा बना कर खेलती हुई प्रकृति कितनी निष्ठुर हो उठी होगी जब उसने मानव मन के अंदर 'प्यास' के अंकुर रोपे होंगे क...