आइडेंटिटी क्राईसिस - 2 Manish Gode द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Identity Crisis by Manish Gode in Hindi Novels
“सॉरी, इस वक्त मैं कुछ भी कहने के मुड में नहीं हुँ।“ उसने कहा।

“क्यों क्या हुआ? सब ठिक तो है ना?” मैंने साशंकित होते हुए पुछा।

“मैंने कहा ना, अभ...