सरल नहीं था यह काम - 5 - अंतिम भाग डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना द्वारा Poems में हिंदी पीडीएफ

Saral Nahi tha Yah Kam by डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना in Hindi Novels
1 तनी बंदूकों के साए



तनी बंदूकों के साए हों, भय के अंधि...