इस सुबह को नाम क्या दूँ - महेश कटारे - 2 राज बोहरे द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Mahesh katare - Is subah ko kya nam dun by राज बोहरे in Hindi Novels
रामरज शर्मा अभी अपना स्कूटर ठीक तरह से स्टैंड पर टिका भी नहीं पाए थे कि उनकी प्रतीक्षा में बैठा भगोना-चपरासी खड़ा हो, चलकर निकट पहुँच गया-'मालिक आप...