चोलबे ना - 7 - फ्रैक्चर, प्लॉस्टर और चुनाव Rajeev Upadhyay द्वारा Comedy stories में हिंदी पीडीएफ

Cholbe Na by Rajeev Upadhyay in Hindi Novels
चच्चा खीस से एकमुस्त लाल-पीला हो भुनभुनाए जा रहे थे मगर बोल कुछ भी नहीं रहे थे। मतलब एकदम चुप्प! बहुत देर तक उनका भ्रमर गान सुनने के बाद जब मेरे अन्दर...