सचमुच तुम ईश्वर हो! 8 ramgopal bhavuk द्वारा Poems में हिंदी पीडीएफ

Sachmuch tum Ishwar ho by ramgopal bhavuk in Hindi Novels
व्यंग्य की तेजधर उच्छंखल समाज की शल्य-क्रिया करने में समर्थ होती है। आज के दूषित वातावरण में यहाँ संवेदना मृत प्रायः हो रही है। केवल व्यंग्य पर ही मेर...