चोलबे ना - 2 - बैटन, लाइब्रेरी, कसाब और देशद्रोही Rajeev Upadhyay द्वारा Comedy stories में हिंदी पीडीएफ

Cholbe Na by Rajeev Upadhyay in Hindi Novels
चच्चा खीस से एकमुस्त लाल-पीला हो भुनभुनाए जा रहे थे मगर बोल कुछ भी नहीं रहे थे। मतलब एकदम चुप्प! बहुत देर तक उनका भ्रमर गान सुनने के बाद जब मेरे अन्दर...