सलाखों से झाँकते चेहरे - 3 Pranava Bharti द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Salakhon se Jhankte Chehre by Pranava Bharti in Hindi Novels
जैसे ही इशिता ने उस कमरे में प्रवेश किया उसकी साँसें ऊपर की ऊपर ही रह गईं | एक अजीब सी मनोदशा में वह जैसे साँस लेना भूल गई, लड़खड़ा गई जैसे चक्कर से आन...