ये कैसी राह - 17 Neerja Pandey द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Ye Kaisi Raah by Neerja Pandey in Hindi Novels
कान्ता बार बार दरवाजे तक आती और घूंघट से झांक कर देखती पर दूर दूर भी कही सत्तू नहीं दिखाई दे रहा था। ये इंतजार की घड़ियां बढ़ती ही जा रही थी। शाम हो ग...