अनकहा अहसास - अध्याय - 4 Bhupendra Kuldeep द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Ankaha Ahsaas by Bhupendra Kuldeep in Hindi Novels
स्वर्णभूमि सोसायटी,
रमा तीसरी मंजिल पर फ्लैट की बालकनी में बैठकर ऑफिस का कुछ काम निपटा रही थी।
अभी-अभी सूर्योदय हुआ था। हल्की बौछार के बाद अचानक धू...