गूंगा गाँव - 14 समाप्त रामगोपाल तिवारी (भावुक) द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

gunaga gano by रामगोपाल तिवारी (भावुक) in Hindi Novels
एक भोर होते ही चिड़ियों ने चहकना शुरू कर दिया। उनमें एक संवाद छिड़ गया था। कुछों का कहना था-‘इस गाँव का किसान बड़...