विदा रात - 2 Kishanlal Sharma द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Vida Raat by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
सर्दियों के मौसम की एक बेहद ठंडी रात।रात केे बारह बज चुके थे। बरखा के सास श्वसुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में सो चुके थे।बरखा भी इस समय तक रो...