सुहागिन या विधवा - 2 Kishanlal Sharma द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

suhagin ya vidhva by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"थप। थप-------दरवाजे पर पड़ने वाली दस्तको ने राधा की नींद में विघ्न डाला था।कौन हो सकता है इतनी रात को? यह सोचती हुई वह दरवाजे तक आयी थी।दरवाजा खो...