सदगति - 3 (अंतिम किश्त) Kishanlal Sharma द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

saddgati by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
अग्नि का स्पर्श होते ही चिता ने आग पकड़ ली।चिता के चारों ओर लोग खड़े थे।गीतिका चिता से दूर खड़ी थी।शमशान मे नीरवता छायी थी।वातावरण में अजीब सी खामोशी थी...