तस्वीर में अवांछित - 3 - अंतिम भाग PANKAJ SUBEER द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Tasvir me avanchhit by PANKAJ SUBEER in Hindi Novels
तस्वीर में अवांछित (कहानी - पंकज सुबीर) (1) ‘‘रंजन जी, आ रहे हैं ना आप ?’’ उधर से फ़ोन पर आयोजक ने शहद घुली आवाज़ में पूछा। ‘‘नहीं भाई साहब मैं पहले ही...