फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 4 Sarvesh Saxena द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Fir milenge kahaani by Sarvesh Saxena in Hindi Novels
मोबाइल की घंटी कब से बजे जा रही थी, मोहित हाथ धोते हुए अपने आप से बोला, “अरे भाई बस आया..” | मोबाइल उठाते ही उधर से आवाज आई, “अबे कहां रहता है तू ? कब...