मैं वही हूँ! - 3 Jaishree Roy द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Me Vahi Hu by Jaishree Roy in Hindi Novels
मैं वही हूँ! (1) मैं नया था यहाँ। नई-नई नौकरी ले कर आया था। इलाके की सभी पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों की देख-रेख और मरम्मत की ज़िम्मेदारी थी मुझ पर। काम...