भीड़ में - 3 Roop Singh Chandel द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Bheed Me by Roop Singh Chandel in Hindi Novels
भीड़ में (1) सुनकर चेहरा खिल उठा था उनका. उम्र से संघर्ष करती झुर्रियों की लकीरें भाग्य रेखाओं की भांति उभर आई थीं. आंखें प्रह्लाद पर टिकाकर पूछा, “कहा...