ब्याह ??? - 2 - अंतिम भाग Vandana Gupta द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Byaah by Vandana Gupta in Hindi Novels
ब्याह ??? (1) “नैन नक्श तो बडे कंटीले हैं साफ़ सुथरे दिल को चीरने वाले गर जुबान पर भी नियन्त्रण होता तो क्या जरूरत थी फिर से सेज चढने की ।“ “ हाय हाय !...