हर्ज़ाना - 4 - अंतिम भाग Anjali Deshpande द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Harzana by Anjali Deshpande in Hindi Novels
हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (1) घंटी बजी, नौकर ने दरवाज़ा खोला और वापस आकर कहा, “चार लोग हैं साब.” उनके चेहरे की हर झुर्री प्रफुल्लित हो उभर आई. वे इतनी तत्...