बुरी औरत हूँ मैं - 4 - अंतिम भाग Vandana Gupta द्वारा Women Focused में हिंदी पीडीएफ

Buri Aurat hu me by Vandana Gupta in Hindi Novels
बुरी औरत हूँ मैं (1) झुरमुटी शामों में उदास पपीहे की पीहू पीहू कौंच रही थी सीना और नरेन हर लहर से लड़ रहा था, समेट रहा था खुद को जब भी किसी दरीचे में क...