इक्क ट्का तेरी चाकरी वे माहिया... - 4 - अंतिम भाग Jaishree Roy द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Ekk taka teri chakri ve mahiya by Jaishree Roy in Hindi Novels
इक्क ट्का तेरी चाकरी वे माहिया... जयश्री रॉय (1) पेड़ के घने झुरमुटों के बीच से अचानक आसमान का वह टुकड़ा किसी जादू की तश्तरी की तरह झप से निकला था- चमचम...