बस एक कदम... - 3 - अंतिम भाग Zakia Zubairi द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Bus ek kadam by Zakia Zubairi in Hindi Novels
बस एक कदम.... ज़किया ज़ुबैरी (1) “नहीं मैं नहीं आऊंगी।” शैली को अपनी आवाज़ में भरे आत्मविश्वास पर स्वयं ही यक़ीन नहीं हो पा रहा था।... और वह ख़ामोश हो...